जीवन की हर साँस में , सृष्टि में संगीत समाया

Daily writing prompt
What would your life be like without music?

संगीत जीवन है । ये न होता तो शायद मैं उदासियों में डूबी एक बेजान वस्तु की तरह होती । Music से ज़िंदगी में एक लय है । जीवन के मेरे हर उतार -चढ़ाव में संगीत ने ही मुझे बाहर निकाला है और मेरा हाथ थामा है ।

संगीत ना होता तो शायद मैं कब की ख़त्म हो गई होती । मेरा हर expression and connection उस unseen power के साथ Melody से ही होता है ।

बचपन से अब तक संगीत मुझे अपनी ओर आकर्षित करता रहा है । संगीत मुझे उम्मीद और जीने का purpose देता है । हवा में , पेड़ों की सरसराहट में . समुद्र की लहरों में , हवा में और पंछियों में । सब में संगीत ही जीवन भरता है , ऐसा मुझे लगता है 🙂

Sibling recipe

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Write about your most epic baking or cooking fail.

Though there are many cooking fail in my life . I was very bad in cooking and had no interest in cooking .I studied in Boarding school so had no idea of culinary science . My first cooking disaster I still remember .

Once I came on summer vacations . Me and my brother used to be at home . Both my parents were working . I am younger to my brother . He asked me , “can you make HALWA?” It is a sweet Indian dish made with flour. I dont know why I said , “yes, I learned It In my Cookery class.”

फिर क्या था , मैंने अपनी theoretical known knowledge of cookery class शुरू कर दी । इतना पता था कि घी , चीनी और आटा चाहिए । अब उसे कैसे , कब पकाना है ये कुछ याद नही था ।

सब कुछ डालने के बाद पकाना शुरू किया तो भाई मेरी होशियारी पर बहुत हैरान हुआ । बीच-बीच में वो भी मुझे अपनी guidance दे रहा था । लेकिन थोड़ी देर में ही मुझे लगा कि वो glue की तरह spoon में चिपक गया है । अब वो रबड़ की तरह बन गया था ।

भाई बहुत हँसा और मैं उसका मुँह देख रही थी । सारा फैंका और बरतन साफ़ करने में हमें बहुत समय लगा क्योंकि ये बात माँ से छिपानी जो थी .

कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम है कहना

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Share a lesson you wish you had learned earlier in life.

हालाँकि ऐसे बहुत से lessons हैं जो मैंने बहुत बाद में सीखे । ये कहूँ तो ग़लत नही होगा कि ज़िंदगी जब आधी से अधिक बीत गई तब बहुत सी बातें समझ में आईं । कई नाकामयाबियाँ झेलने के बाद , ढोकरें खाने के बाद ज़िंदगी से रूबरू हो पाई ।

सबसे अहम पाठ जो सीखा वो ये कि ख़ुद को पीछे नही ,आगे रखने के लिए दूसरों को ख़ुश करने के बजाए अपनी ख़ुशी को भी महत्त्व देना ज़रूरी है । जीवन की हर सफ़लता या असफ़लता के ज़िम्मेदार आप स्वयं होते हैं ।

अपनी इच्छाओं को दबा कर भीतर तूफ़ान भरना सही नही । अपनी बात सबके सामने रखने की हिम्मत होनी चाहिए । ना कहने में घबराना नही चाहिए । “लोग क्या सोचेंगे या कहेंगे” में अपनी energy व्यर्थ नही गंवानी चाहिए ।

आप कामयाब हों या नाकामयाब ,लोग तो आपको किसी भी हाल में criticize करेंगे ।आपको आगे बढ़ते देख कर ख़ुश नहीं होंगे । बहुत कम लोग होते हैं जो आपकी ख़ुशी या सफ़लता पर ख़ुश होते हैं ।

किसी पर भी कभी भी निर्भर नही होना चाहिए । स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनो और अपना ख़ुद का सम्मान करो , तभी दूसरे आप का सम्मान करेंगे।

एक नई सुबह , ख़ुद क्यों न बनाएँ !

जब plastic नही था तो क्या था ? 

Plastic नही था तो जीवन कैसा था ? 

हमारे समंदर , नदियाँ ,जलप्रपात पहले कैसे थे ? 

वर्तमान काल में हमारे सागर , दरिया और झरने दूषित क्यों हो रहे हैं ? 

ऐसा आपने न जाने कितनी बार सोचा होगा । लेकिन क्या अस्सी के दशक में या नब्बै के दशक में जन्में बच्चे सोच सकते हैं कि वर्तमान काल में जो पर्यावरण की स्थिति है वो पहले कैसी रही होगी ? 

ये बदलाव आखिर आया कैसे , क्या इस पर हम वाकई में बहुत गंभीरता से सोच रहे हैं ? 

अगर सोच रहे हैं तो क्या इसके लिए कुछ कर रहे हैं ? 

आइए मिलकर केवल वार्तालाप या वाद-विवाद न करें । 

कुछ येगदान करें और अपनी धरती को फिर से सुंदर और संवारने का काम करने की पहल क्यों न करें !  

मैं अभी हाल ही में दक्षिण भारत के एक बहुत आकर्षक और लुभावने समुद्र तट पर समय बिताने गई थी । अपने देश की धरती की सुंदरता देख मैं मंत्रमुग्ध हो गई । सागर किनारे बालू में , लहरों के साथ पैर भिगोते हुए सैर करने का सपना लिए सुबह का इंतज़ार था । 

सुहानी भोर 

लहरों की आवाज़ से मैं पाँच बजे उठकर बालकनी में आई तो देखा कि 

मेरे Resort से लगभग दस क़दम पर सागर लहरा रहा था । मैं तुरंत नीचे भागी , जैसे किसी अपने से बहुत समय बाद मिलना हो रहा हो ! 

Beach पर टहलती रही और लहरों से खेलती रही । 

राक्षस ! 

थोड़ी देर में मैंने देखा कि एक बड़ी लहर के साथ ही मनो प्लास्टिक की बोतलें , थैलियाँ और न जाने क्या-क्या बह कर किनारे फैल गया । 

ऐसा लगा जैसे प्लास्टिक रूपी राक्षस ने सारे तट को घेर लिया हो । ये वही चीज़ें थीं जो हम आए दिन अपनी ज़िंदगी में इस्तेमाल करते हैं । समुद्र की इस दुर्दशा पर मन बहुत दुखी हो रहा था । 

लेकिन एकदम से विचार आया कि साफ़ करती हूँ । मैं अंदर से तीन-चार garbage bags ले आई । 

श्रमदान

मैंने कचरा थैलियों में भर कर सफ़ाई शुरू कर दी । थोड़ी देर में Resort workers भी शामिल हो गए । 

आस-पास के Resorts में जाकर उनसे बात की कि आप सफ़ाई करवाएँ । उनका कहना था कि सागर में लोग बिना सोचे समझे कचरा फैंकते रहते हैं लेकिन वो अपने पास कुछ नही रखता सब वापस दे देता है । 

मेरे कहने पर कि वो बेचारा हमारे अत्याचार सह रहा है , उसे बचाना तो होगा ही । उन्होंने मेरा साथ दिया और Beach , चमक रहा था । 

बापू ( महात्मा गाँधी) कहते थे कि श्रमदान करना चाहिए । उस दिन मैं थकी तो ज़रूर लेकिन अपने श्रमदान से बहुत संतुष्टि मिल रही थी । 

विचार 

अब सोचने का वक्त नही है श्रमदान का समय है । इससे पहले प्लास्टिक जैसे राक्षस पर रोक लगा कर उसे नष्ट करने की राह निकालने का कार्य करना आवश्यक है । 

वरना हमारे जीव जन्तु जैसे कछुए , मछलियाँ आदि की जाति समाप्त हो जाएगी और हमारी आने वाली पीढ़ी इनके बारे में केवल कहानियाँ ही सुनेंगी । 

Lacto-Ovo vegetarian

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What are your favorite types of foods?

I Love vegetarian food . When It comes to choice or preference , I always prefer South Indian Food. All preparations in South Indian Food I like . Idle , Pal appam with vegetable stew , Vada , different kind of chutneys .

Different Daal Chila’s for my protein and lots of vegies with my Sorgum , finger Millets and other millets chapatis to change my taste . I avoid Gluten and milk products .

During winters I love सरसों का साग , मक्की की रोटी , बाजरे की खिचड़ी .

I am not a sweet person 😍😍😍

Walk for Positive Energy

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How often do you walk or run?

Walking is my daily routine. I cant miss my walk , wherever I may be. This is my foremost and important task of the day. I begin my day with my morning long walk .

Sometime I do Jogging with walk but I don’t run . If I miss my walk I feel dull and lazy whole day . Meeting my morning walk friends and saying Hello with smile is so positive to start a day .

धरा की बंदिगी

हर मौसम इंसान के जीवन का ही प्रतिबिंब है । पीले पात झड़ कर वृक्ष को छोड़ देते हैं । मिट्टी में मिलकर एक नया रूप और नया जीवन लेते हैं । उनका पेड़ से अलग होना एक नए जीवन का संकेत होता है ।

पत्ते नया जीवन लेकर भी अनेक रंग – रूप लेते हैं और विदा होते हुए भी रंग बदलते हैं । ऐसा ही तो मानव जीवन है । हम प्रकृति की ही प्रतिच्छाया हैं ।

जिस प्रकार मानव कुदरत को प्रदूषित कर रहा है , उसी तरह हमारी मानसिकता भी तो दूषित होती जा रही है ! यदि मानवता को बचाना है तो हमें पर्यावरण और Nature की रक्षा करनी ही होगी क्योंकि हम उसी का अंश हैं।

खिली खुली है चाँदनी ,हवाओं में है रागिनी ,

हरसिंगार भी बिछा रही धरा पे देखो चाँदनी ,

मधुमालती भी झूमती , सुगंध गीत गा रही ,

रवि ने देखो खोल दी , रंगों की आज पोटली ,

पत्ता – पत्ता ओढ़ के निकला है लाल पीली ओढ़नी ,

हवा के संग बह चले , जैसे बज रही हैं पैंजनी ,

घुल रही हर ज़र्रे में एक प्यार की है चासनी ,

साफ़ आसमान है , ना आँख ही धुंधला रही ,

जो जा रहा वो गीत है , प्रभात की है रोशनी ,

छोड़ कर जो उड़ गया उसी ने पाई ज़िंदगी ,

पेड़ से है कह चला ,धरा की है ये बंदिगी ,

शरद ऋतु है आ रही , नई आस है जगा रही ।

“May everyone be blessed”सबका मंगल हो

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What’s your favorite word?

“May everyone be blessed” these words makes me feel good from inside . No matter how someone may be , do not hold any negative emotions towards them and wish for their well-being as well. This attitude brings you a lot of inner peace .

This sentiment is taught in Vipassana meditation , a practice rooted in Buddhism.

Elders also often give such Blessings , “सबका मंगल हो” ।

What a beautiful and loving thought it is to think and say such things . This really fosters a positive environment . That’s what I think , what do you have to say about this?

Oh! He/she made me miserable !

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What personality trait in people raises a red flag with you?

The people who blame others for everything .

कुछ लोग ऐसे होते हैं , जो उनके साथ हुए हर हादसे को या उनके हर बिगड़े काम के लिए दूसरों को blame करते रहते हैं।

ज़िंदगी में उनके साथ जो भी बुरा हुआ उसकी ज़िम्मेदारी वो ख़ुद नही लेते । दूसरों पर दोष लगा कर अपने को victim दिखाते हैं और self pitty में रहते हैं।

ऐसे लोग ग़ैर ज़िम्मेदार होते हैं और उन पर विश्वास करना कठिन होता है । मैं ऐसे लोगों से दूर रहती हूं क्योंकि पता नहीं वो कब आपको किस बात के लिए दोषी करार दे दें।

People with this trait raires a red flag with me .

Profound Ocean and Me!

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Describe your ideal week.

Its so interesting or you can say coincidence that right now I am experiencing my Ideal week !

I am fascinated by sea . I can spend my whole day by just sitting on the beach . Watching different moods of the ocean.

I feel the life is like Ocean . Within every human , an endless Ocean surges . Each colour of the sea echoes life in its own way .

I am sitting at the beach in Kumta , North Karnataka , India . It’s beautiful, heavenly.

I am spending my time as I always thought . My Ideal week.

नीला , हरा बदलते रंगों में डूबा ,

उठती – गिरती लहरों का झोंका ,

ठंडी हवा के संग – संग मैं खाती गोता ,

नन्हीं – नन्हीं सीपी सा मन उसमें खोया ,

धरती की छाती पर लहराता ,

चांद भी झुक – झुक , चुप-चुप बातें करता ,

मुझ तक आना , फिर लौट के जाना,

छू कर मेरा दिल बहलाना ,

गीली रेत पे हम दोनों का मिलना ,

सीपी बन तुझ में मैं चाहूं बहना ,

तू भी मेरे भीतर है बहता ।