कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम है कहना

Daily writing prompt
Share a lesson you wish you had learned earlier in life.

हालाँकि ऐसे बहुत से lessons हैं जो मैंने बहुत बाद में सीखे । ये कहूँ तो ग़लत नही होगा कि ज़िंदगी जब आधी से अधिक बीत गई तब बहुत सी बातें समझ में आईं । कई नाकामयाबियाँ झेलने के बाद , ढोकरें खाने के बाद ज़िंदगी से रूबरू हो पाई ।

सबसे अहम पाठ जो सीखा वो ये कि ख़ुद को पीछे नही ,आगे रखने के लिए दूसरों को ख़ुश करने के बजाए अपनी ख़ुशी को भी महत्त्व देना ज़रूरी है । जीवन की हर सफ़लता या असफ़लता के ज़िम्मेदार आप स्वयं होते हैं ।

अपनी इच्छाओं को दबा कर भीतर तूफ़ान भरना सही नही । अपनी बात सबके सामने रखने की हिम्मत होनी चाहिए । ना कहने में घबराना नही चाहिए । “लोग क्या सोचेंगे या कहेंगे” में अपनी energy व्यर्थ नही गंवानी चाहिए ।

आप कामयाब हों या नाकामयाब ,लोग तो आपको किसी भी हाल में criticize करेंगे ।आपको आगे बढ़ते देख कर ख़ुश नहीं होंगे । बहुत कम लोग होते हैं जो आपकी ख़ुशी या सफ़लता पर ख़ुश होते हैं ।

किसी पर भी कभी भी निर्भर नही होना चाहिए । स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनो और अपना ख़ुद का सम्मान करो , तभी दूसरे आप का सम्मान करेंगे।

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