यदि हम भारत की सांस्कृतिक विरासत की बात करें तो किसी एक पहलू को उठाना बहुत कठिन लगता है । भारत की विरासत हज़ारों वर्ष पुरानी है । ज्ञान , विज्ञान , साहित्य , इतिहास , विभिन्न कलाएँ । ये सभी बहुत पहले समय से उन्नत और विकसित रहा है । मैं अपने ज्ञान के अनुसार कुछ बातें आप सभी के सामने लाना चाहूँगी –
भारत की सांस्कृतिक विरासत के विभिन्न पहलू
ज्ञान-विज्ञान
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त काल में 450 – 470 सदी में हुई । बाद में आए राजा जैसे हर्षवर्धन और पाल शासकों ने इसकी समृद्धि और संरक्षण किया । नालन्दा महाविहार – विकिपीडिया
तक्षशिला विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म के लिए महत्व का केंद्र था । 405 ई. में फ़ाहियान यहाँ आया ऐसा इतिहास बताता है । तक्षशिला विश्वविद्यालय – विकिपीडिया
ये प्रमाणित करते हैं कि भारत के ज्ञान का भंडार नया नही है । आर्यभट्ट जैसे विद्वानों और Medicine में http://www.njms.in/ Sushruta: The father of surgery
Vibha Singh द्वारा लिखा और छपा लेख आपको बहुत कुछ सच्चाई बता देगा ।
साहित्य
चारों वेदों की रचना , महाभारत , गीता जैसे महाकाव्यों की रचना देश की साहित्य की धरोहर हैं ।
कलाएँ
कलाओं में संगीत , नृत्य , चित्रकला , वास्तुकला हज़ारों वर्षों का इतिहास लिए है । ये कलाएँ भारत में उन्नत ही होती रहीं । हर काल में बदलते समय की छाप इन कलाओं पर पड़ी । आज भी गायन – वादन और नृत्य में पूरा विश्व भारत की विभिन्न कलाओं का दीवाना है ।
देश के हर कोनें में इसकी विभिन्नता का अहसास होता है । मुझे अपने देश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व है । मेरे दिल के करीब संगीत है जिसमें सैंकड़ों रागों का मिश्रण है । उनके गाने का समय और उसके पीछे का गणित बेहद आकर्षक है । गायन , वादन और नृत्य के उतार-चढ़ाव में सौंदर्य झलकता है ।
आप भारत आए और इन कलाओं से परिचित न हुए तो आपने देश को जाना ही नही ।
Nice post
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